
कभी-कभी लगता है कि हम दौड़ तो बहुत रहे हैं, लेकिन मंज़िल कहीं पीछे ही छूट गई है।
मैंने भी सालों तक यही किया – काम, टारगेट्स, पैसा, नाम… सब कुछ कमाने की होड़ में खुद को ही खो दिया था। लेकिन एक दिन, किसी शांत सुबह चाय की प्याली के साथ, एहसास हुआ कि ज़िंदगी की असली दौलत कुछ और ही है – समय, रिश्ते और शांति।
🕰 समय – जो चला गया, वो कभी लौटकर नहीं आता
समय सबसे बड़ा गुरु होता है। ये हमें सिखाता है कि जो लम्हे आज हैं, वो कल नहीं होंगे। पहले लगता था कि काम ही सबसे ज़रूरी है। लेकिन अब जब अपने माता-पिता के चेहरे पर झुर्रियाँ बढ़ती देखता हूँ, बच्चों की मुस्कान के साथ बीतते पलों को महसूस करता हूँ – तब समझ आता है कि समय देना ही सबसे बड़ा प्यार है।
जो लोग हमारे लिए सबसे ज़्यादा मायने रखते हैं, उन्हें समय देना एक उपहार है – जो कोई चीज़ नहीं खरीद सकती।
रिश्ते – जो हमें इंसान बनाते हैं
पैसा, शोहरत, स्टेटस… सब कुछ अकेला पड़ जाता है अगर आपके पास कोई ऐसा न हो जिससे आप दिल खोलकर बात कर सकें।
एक दौर ऐसा भी आया जब सब कुछ पास था, लेकिन दिल खाली लगता था। फिर समझ आया – रिश्ते सिर्फ साथ रहने से नहीं, दिल से जुड़ने से बनते हैं।
आज जब अपने दोस्तों के साथ बैठकर हँसी बाँटता हूँ या जीवनसाथी के कंधे पर सिर रखकर चुपचाप वक्त गुज़ारता हूँ, तो महसूस होता है कि यही तो असली दौलत है।
शांति – जो बाहर नहीं, अंदर मिलती है
हम सोचते हैं कि छुट्टियाँ लेकर कहीं पहाड़ों पर चले जाएँगे, तो सुकून मिलेगा। लेकिन सुकून बाहर नहीं, हमारे अंदर की शांति में छुपा होता है।
अब मैं हर दिन थोड़ा वक़्त खुद के लिए निकालता हूँ – चाहे वो 10 मिनट प्रभात साधना (योग), या बस कुछ पल चुपचाप बैठकर साँसों को महसूस करना हो।
ये छोटे-छोटे पल मेरे अंदर की हलचल को शांत करते हैं।
आज अगर मुझसे कोई पूछे कि “तुम्हारे पास क्या है?”
तो मैं मुस्कुरा कर कहूँगा – “मेरे पास समय है अपनों के लिए, रिश्ते हैं जो दिल से जुड़े हैं, और शांति है जो मुझे रात को चैन से सुला देती है।”
💬 आपके लिए कुछ सवाल
- क्या आप दिन में थोड़ा सा वक़्त अपने माता-पिता या बच्चों के साथ बिना फोन के बिताते हैं?
- क्या कभी अपने किसी पुराने दोस्त को बिना वजह कॉल किया है?
- क्या आज आपने खुद से प्यार जताया?
अगर जवाब ना है – तो आज ही शुरू कीजिए। क्योंकि असली दौलत कमानी है तो धड़कनों की रफ़्तार नहीं, रिश्तों की गहराई बढ़ानी होगी।
अंत में – कमाओ, लेकिन जीना मत भूलो
ज़िंदगी एक बार मिलती है, और बहुत तेज़ बीत जाती है। तो हँसिए, जुड़िए, और थोड़ा सा रुककर जी लीजिए।
क्योंकि आख़िर में यादें रहेंगी – पैसा नहीं।
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शायद कोई और भी इस दौड़ में थक गया हो… और उसे भी याद दिलाना ज़रूरी हो कि ज़िंदगी सिर्फ भागने का नाम नहीं, जीने का भी नाम है।
Manuscript is a collective name for texts
Hello. And Bye.