कुर्सी पर बैठे-बैठे बिगड़ रही है सेहत? जानिए Sitting Disease से कैसे बचें !

 

भूमिका: जब आराम ज़हर बन जाए

क्या आपने कभी गौर किया है कि दिनभर काम करते-करते हम कितनी देर तक एक ही जगह पर बैठे रहते हैं?

कुर्सी पर बैठना हमारी आदत बन चुका है — ऑफिस में, कार में, खाने के वक्त, और फिर सोफे पर टीवी देखते हुए।

राहुल, एक 34 वर्षीय कॉर्पोरेट कर्मचारी, रोज़ 10-12 घंटे कुर्सी पर बैठता था। कुछ ही महीनों में उसे पीठ दर्द, वज़न बढ़ना और हर वक्त थकावट महसूस होने लगी।

ऐसी आदत को अब मेडिकल भाषा में कहा जाता है – Sitting Disease


🔸 Sitting Disease क्या है?

“Sitting Disease” कोई मेडिकल डायग्नोसिस नहीं है, लेकिन यह एक ऐसी अवस्था है जिसमें शरीर पर बैठने की आदतों का बुरा असर दिखने लगता है।

यह डिजीज शरीर को धीरे-धीरे अंदर से खोखला करती है। ख़ासकर वो लोग जो दिनभर बैठकर काम करते हैं — वे बिना एक्सरसाइज़ के एक इनएक्टिव लाइफस्टाइल जीते हैं।


🔸 क्यों खतरनाक है ज्यादा देर बैठना?

🔹 मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है

🔹 ब्लड सर्कुलेशन घटता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है

🔹 कमर और पीठ में दर्द

🔹 वज़न बढ़ना, खासकर पेट के आसपास

🔹 पाचन तंत्र सुस्त हो जाता है

🔹 थकावट, तनाव और बेचैनी

🔹 डायबिटीज और हाई BP की संभावना बढ़ जाती है

🔹 लंबी अवधि में उम्र घटने का खतरा भी मौजूद होता है


🧠 वैज्ञानिक क्या कहते हैं?

  • एक स्टडी में पाया गया कि जो लोग हर दिन 8+ घंटे बैठते हैं और वर्कआउट नहीं करते, उनमें हार्ट डिजीज का खतरा 2 गुना ज़्यादा होता है।

  • WHO कहता है कि फिज़िकल इनएक्टिविटी हर साल लगभग 32 लाख मौतों की वजह बनती है।

  • Harvard Health के अनुसार, लंबे समय तक बैठने से Lifespan 3–5 साल तक कम हो सकती है।


🟢 कैसे बचें Sitting Disease से?

अब बात करते हैं समाधान की — जो सरल भी हों और असरदार भी।


✅ 1. हर 30 मिनट में 3-5 मिनट खड़े हो जाइए

🔹 Alarm सेट करें

🔹 थोड़ा चल लें – पानी पी लें, खिड़की तक जाएँ

🔹 खड़े होकर स्ट्रेच करें

यह छोटा सा ब्रेक आपके शरीर को एक्टिव रखता है।


✅ 2. स्टैंडिंग डेस्क का इस्तेमाल करें

अगर आपका काम कंप्यूटर पर है, तो Adjustable Standing Desk का प्रयोग करें।

थोड़ा बैठें, थोड़ा खड़े हों – इससे बैलेंस बना रहता है।


✅ 3. बैठने का तरीका सुधारें

🔹 कुर्सी ऐसी हो जो पीठ को सपोर्ट दे

🔹 स्क्रीन आँखों के लेवल पर हो

🔹 कमर सीधी रखें, पैर ज़मीन पर टिके हों


✅ 4. कुर्सी पर स्ट्रेचिंग और माइक्रो-वर्कआउट्स

हर 2-3 घंटे में करें:

  • गर्दन को दाएं-बाएं घुमाना

  • कंधों को ऊपर-नीचे करना

  • पैरों को सीधा करना और घुटनों को घुमाना

  • हाथों को स्ट्रेच करके साँस लेना

⏱️ ये सब सिर्फ 3–4 मिनट में हो सकता है और शरीर को एक्टिव बनाए रखता है।


✅ 5. सुबह की प्रभात साधना – दिन की शुरुआत Active तरीक़े से करें

हर सुबह सिर्फ 15-20 मिनट की प्रभात साधना (योग, प्राणायाम, हल्का वॉक) से शरीर का पूरा सिस्टम एक्टिव हो जाता है और पूरे दिन ऊर्जा बनी रहती है।


✅ 6. शाम को टहलना न भूलें

काम के बाद 20-30 मिनट पैदल चलना या हल्की एक्सरसाइज़ Sitting Disease का सबसे आसान और असरदार इलाज है।


✅ 7. घर के कामों को मूवमेंट में बदलें

🔹 पानी खुद भरें

🔹 सब्ज़ियाँ काटते वक्त खड़े रहें

🔹 फोन पर बात करते समय टहलें

🔹 बच्चों के साथ खेलें – गेम नहीं, रियल फिजिकल गेम्स 😄


💡 एक रूटीन जो आपकी ज़िंदगी बदल सकता है:

समय                                                                    ऐक्टिविटी               
सुबह 6–7  प्रभात साधना / योग
हर 30 मिनट                                                             खड़े होकर 3 मिनट चलना
लंच के बाद 10 मिनट वॉक
शाम 30 मिनट टहलना
रात स्ट्रेचिंग + ब्रेथिंग एक्सरसाइज़

– क्यों ज़रूरी है खुद के लिए खड़ा होना?

सोचिए, हम अपने परिवार के लिए दिनभर मेहनत करते हैं।

लेकिन अगर हमारी सेहत ही धीरे-धीरे साथ छोड़ने लगे, तो वो परिवार भी दुखी होगा।

थोड़ा चलना, थोड़ा उठना – ये सिर्फ एक्सरसाइज़ नहीं, ये अपने लिए प्यार है।


📢 Call to Action:

आज ही बैठने के बीच-बीच में उठने का नियम बनाइए।

अपनी कुर्सी को कैदखाना मत बनने दीजिए –

थोड़ा चलिए, थोड़ा जिएं… क्योंकि जिंदगी रुकने के लिए नहीं बनी है।

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