ध्यान.

अकेलापन या आत्मचिंतन? फर्क समझिए और जीवन बदलिए

कैसे बदलें अकेलापन को आत्मचिंतन अकेलापन तब होता है जब आप अपने साथ भी अनजान हों। आत्मचिंतन तब होता है जब आप खुद से दोस्ती कर लें।” हम सब ने कभी न कभी अकेलेपन को महसूस किया है — वो पल जब चारों तरफ लोग होते हुए भी भीतर से खालीपन लगता है। पर क्या […]

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जप का जादू – कैसे मंत्र से बदलती है मानसिक ऊर्जा?

हर मंत्र एक यात्रा है – आत्मा की ओर लौटने की  मंत्र वही नहीं जो शब्दों में बंधा हो, मंत्र वो है जो आत्मा को स्पर्श कर जाए।” क्या आपने कभी ध्यान से किसी मंत्र का उच्चारण किया है? कुछ देर बाद ऐसा लगता है मानो शरीर हल्का हो गया हो, सोचें थम गई हों,

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ध्यान क्या है और क्यों ज़रूरी है?

 भीतर की शांति की ओर पहला कदम सोचिए, एक पल के लिए सब कुछ रुक जाए। शोर थम जाए। मन शांत हो जाए। और आप बस… हों। यही है ध्यान। और शायद यही है आज की सबसे बड़ी ज़रूरत। ध्यान क्या है? ध्यान यानी स्वयं से जुड़ना। अपने विचारों को देखना, उन्हें समझना और फिर

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सांसों में सुकून: ध्यान और मेडिटेशन से मानसिक शांति की ओर |

कुछ पल खुद के लिए – जहाँ हर सांस गहराई से जुड़ी होती है आत्मा की सच्चाई से। [🔸 परिचय] भागदौड़ भरी ज़िंदगी में, जहाँ हर पल कीमती है, हम अक्सर खुद को ही खो बैठते हैं। तनाव, बेचैनी, चिंता – ये आज के दौर की सबसे आम समस्याएं बन चुकी हैं। ऐसे में ध्यान

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प्रभात साधना: एक नई सुबह, एक नया जीवन, जीवन में सकारात्मकता का संचार”

 जीवन की पहली साँस से शुरू होती है आत्म-देखभाल की यात्रा हर सुबह जब सूरज की किरणें खिड़की से अंदर आती हैं, तो वे सिर्फ उजाला नहीं लातीं — वे एक नई शुरुआत का संदेश लाती हैं। प्रभात साधना यानी सुबह की वो ध्यानपूर्ण साधना, जहाँ आप अपने शरीर, मन और आत्मा को एक संतुलन

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